HOW SHIV CHAISA CAN SAVE YOU TIME, STRESS, AND MONEY.

How Shiv chaisa can Save You Time, Stress, and Money.

How Shiv chaisa can Save You Time, Stress, and Money.

Blog Article

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

अर्थ- हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।

Your browser isn’t supported any longer. Update it to get the most effective YouTube encounter and our most recent functions. Find out more

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

अर्थ- माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम Shiv chaisa अंग सोहत छवि न्यारी॥

नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

Report this page